तुम्हें हर जगह नजरें ढूंढने लगी है तुम जिंदगी हो इस बात का एहसास हो गया है अब कहीं मन लगता नहीं है मुझे सच्चा प्यार हो गया है
खुशी पाने के लिए दिल लगाया था मगर जिंदगी में दर्द मिला है उसकी गलतियों का शिकायत करूं खुद की तोहीन होगी जमाने से छुपाकर गम के आंसू पिए जा रहा हूं
दो जून की रोटी बड़े नसीब से आती है गरीबी में इंसानियत की मिसाल देखकर हैरान रह जाओगे भूखे पेट सो जाते हैं मगर अपना ईमान बेचते नहीं है
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