Hindi Shayari | Shayari Sangrah | Love shayari
अब शिकायत नहीं करेंगे तकलीफ कैसी है मैंने देख लिया है तुम्हारी मोहब्बत कैसी है वफा के रास्ते पर ठोकर खाया हूं बेवफाई की हद हो गई है फिर भी झूठे आंसुओं में खुद को कमजोर पाया हूं
मुझे शायरी का शौक है यादों में मोहब्बत का पैगाम लिखे जा रहा हूं मेरे डायरी की जान हो खुशनसीब हूं चाहतों की तरह प्यार मिल रहा है हर लम्हा सुकून में जिए जा रहा हूं
सभी वादों का हिसाब चाहता हूं जो बदलने लगी हो इरादों में सच्ची मोहब्बत का असर चाहता हूं अकेले में गुजारा मुश्किल हो गया है जिंदगी में सच्चा हमसफ़र चाहता हूं
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