जिंदगी एक एक दिन समाप्ति की ओर बढ़ रही है और हम हैं कि अपना अहंकार त्यागने को तैयार नहीं होते हम चाहते हैं इतना अच्छा कर्म करें हर दिल पर अपना कब्जा हो जाए कोई बात कहने का सही तरीका सुनिश्चित कर लेना चाहिये हर बात हो जाए और हमें कोई नापसंद भी ना करें इस तरह ठोकर ना लगाओ कि हम टूटकर ऐसे बिखर जाए और फिर हमको संभालना मुश्किल हो जाए
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